Monday, May 11, 2009

ब्लडी इन्डियन एन्ड .........

नेपाल के मौजुदा राजनैतिक परिवेश मे माओवादियो के हाथ मे ये तख्तिया आम बात हो गयी है, भारतियो से नफ़रत कि मओवादी राजनिति का निहितार्थ समझ मे नही आता . नेपाल मे राजसाही के खात्मे के बाद सर्वप्रथम भारत ने ही मावोवादीनीत नेपाली सरकार को सैधान्तिक समर्थन दिया.
आजादी के बाद से ही भारत ने दक्शिण एशिया मे अपने हितो कि अनदेखी करते हुये अपने पडोसियो के साथ बडे भाइ जैसा बर्ताव किया, भुटान के बाद नेपाल हि ऐसा देश है जहा हम वीजा नियमो का पालन नही करते , जीससे लाखो नेपालियो ने रोजी-रोजगार के लिये भारत मे सरण लिया हुआ है. हमने अपने नागरिको कि तरह शिक्छा और सेना जैसे महत्वपुर्ण बिभागो मे अन्गिकार किया, इतने पर भी मओवादियो का हमारे खिलाफ़ बिश-वमन समझ से परे है.
हमने नेपाल की सम्प्रभुता और अखन्डता हमेशा ही समर्थन किया और जब भी नेपाल को किसी प्रकार के सहयोग कि आवस्यकता पडी है हमने हर सम्भव मदद किया. चीनी साम्राज्यवादियो ने मओवादियो को इतन उलझा दिया है कि इनको हित और अहित का फ़र्क हि समझ मे नही आ रहा है.
नेपाल मे चीन का जरुरत से ज्यादा हस्तछेप भविस्य मे इनकी सम्प्रभुता पर सवाल खडा कर सकता है, हमारा एक शान्त पडोसी तिब्बत ड्रैगन की खुनी महत्वाकान्छा का शिकार हो चुका है, और यह उन नेपालियो के लिये भी गहरा आघात हो सकता है जिनके घरो मे चुल्हा दिल्ली कि क्रिपा से जलता है , ड्रैगन अपनी सामरिक जरुरतो के लिये नेपाली मावोवादियो क इस्तेमाल कर रही है. नेपाली अवाम को सचेत हो जाना चाहिये और "द ब्लडी डोग्स एन्ड चाइनिज आर नाट एलाउड इन नेपाल" के फ़ार्मुले पर अमल करे.
द ब्लडी इन्डियन एन्ड डोग्स आर नाट एलाउड इन नेपाल

No comments:

Post a Comment

Post a Comment