तमाम लोग धोनी और शाहरूख जैसो की लाईफ़स्टाईल को देखकर
अपनी कीस्मत से रन्ज रखते होन्गे . अब जमाना सेलीब्रेटीयो का
हो गया है , हाथो-हाथ लीये जा रहे है हर फ़ील्ड मे. ईनका फ़्युचर अमेरीका
के भवीस्य की तरह सेफ़ है.
प्रजातन्त्र से अभीजात्तन्त्र पर पहुच जाते है पता ही नही चलता .
जनता का, जनता के द्वारा , जनता के लीये का मूल मन्त्र कब का
गूम हो गया है. एक चीज मेरी समझ मे नही आती की राजनीती मे ऐसी क्या
बात है जो हर कोइ सान्सद और बीधाय्क बनना चाहता है. एक उद्योग पती,
एक सीने स्टार , क्रीकेटर और देश की तमाम नामचीन हस्तीया क्या कमी है
ईनको सबकुछ तो है ईनके पास , पैसा नाम शोहरत, इनको आने वाली छीको
से अखबार के पन्ने भरे रहते है आखीर क्या चाहते है ये लोग राजनीती से.
ईन जैसो की राजनीती ने आम आदमी का कीतना भला कीया है, सीवाए
प्रजातन्त्र को अभीजाततन्त्र मे बदलने के.
हम, अभीजात का अभीजात के लीये अभीजात के द्वारा शासन का ईन्तेजार कर रहे है.
पडोगे लीखोगे तो होगे खराब
खेलोगे कूदोगे तो बनोगे नबाब