Wednesday, October 1, 2008

जय बम जय ब्लास्ट

गझोदर :- का हो मनमोहन का कर रहे हो तोहरे दिल्ली में का होई रहा है ? भइया अबतो कुछ करो ?

मनमोहन :- कर तो रहे है न इ अम्रीका में आकर परमाणु समझौता , और तुम लोगन का इ आदत न जाई, कछु हुआ नही की लगे पे- पे चिल्लाने .भइया चैनल पे भासन दिया न की हम उनका मुहतोड़ जबाब देंगे ।

गझोधर :- इ देख ॥ हजार बार इ तोहरा भासन सुना है , कुछ किया कभी ,अब तो अमिताभ भी डराने लगे इ दिल्ली से

मनमोहन :- दिवाली है भइया पताका फुट रहा है , कहे परेसान हो रहे हो , हमारी बात चल रही है बुश से और देखो अभी हम जरदारी से भी मुलाकात कर लिया हु सब ठीक हो जाएगा , चुनाव का मौसम आ गया है न । पताका नही फूटेगा तो अडवानी जी भासन किस पर देंगे?

गझोधर :- हूँ अब समझा । कहे मुलायम कहते फ़िर रहे है की सिमी कौनौ ग़लत संगठन नही है .ठीक ही कह रहे है आप । हम फ़िर मिलब । जय बम जय ब्लास्ट .

Saturday, September 20, 2008

अथ बैंकुठं

खादी bही जिसको सूट न कर जाए बैठे बिठाये बल्ले बल्ले हो जाती है.और डोज गडबडाने पर मिया रिएक्शन हो जाए तोबंगारू लाक्स्मन की तरह कोई होई हल भी न पुचिगा साहब.खादी का महातम जिसके समझ में आया समझो की बिना नून तेल लगाये बैंकुठ की प्राप्ति कर ली। गुरु बैंकुठ तो कोई ऐसी वैसी चीज तो है नहिकी दये बाये हाथ मारा और मिल गई.त्रिसंकू को सुना ही होगा , बेचारे बिस्वामित्र की जिद का सीकर हो गए, लगे भेजने अपने तपोबल से त्रिसंकू को बैकुंठ , अब भइया माया मिली न राम्वाहा कोई बेकेस्यी होगी तो मिले न जगह। बिच में ही लटक कर रह गए बेचारे ।
आप ज्यादा परेसान न हो बकुंथ जाने के लिए, साहब ये कोई त्रेता या सतयुग तो चल नही रहा और न आप त्रिसंकू हो न हम बिस्वामित्र । गुरु कलयुग चल रहा है , कलयुग का बकुंथ तो हमारी संसद और बिधान्सभाये है .बिस्वास करे इस बकुंथ में जाने के लिए त्रिसंकू की तरह बढाओ का सामना नही करना पड़ेगा.बस आपके अन्दर कुछ योग्यताओ का होना अवास्वक है अपने चोरी वोरी के धंधे को सफाई से किया है तो भाई कोई बिसेस परेशानी नही होगी,थोड़ा झूठ बोलना अत होगा तो मासा अल्ला आप अल दर्जे के बैकुंठवासी होंगे । भाई साहब हम तो ठहरे बापू के देस के , अब हम तो हिंसा में बिस्वास करते नही ,मगर चार लोगोकम में मदद किया हो e अपने साथ होने चाहिए जिन्होंने यमराज जी महाराज के कम में मदद किया हो तो भाई क्या पुचने , ,,अपनी जन बचाना कहा का अन्याय है अपनी अदालते भी तो यही कहती है । और पैसा...?... अम छोड़ो भी इसकी फिक्र एपी न करो , कुछ एक्सपर्ट बैंकुठ वासी है जो इस समस्या का निदान कर देंगे ।
तो जनाब हो जाईये तैयार , दो चार खादी के कुरते को सिलवाए और कूदे संसद के चुनावी दंगल में , सब कुछ ठीक थक रहा तो साहब बैंकुठ सभा जरुर पहुचेंगे .आप तो बैंकुठ सुख भोगेंगे ही बैठे बिठाये नत रिश्तेदार भी आनंद प्राप्त करेंगे । और मिया आप लोगो से कुछ बच जाए तो इस खादिम को भी याद कर लीजियेगा .

Wednesday, September 17, 2008

मेरा देस

पहले हर चीज थी अपनी मगर अब लगता है
अपने ही घर में किसी दुसरे घर के हम है
सायद इससे ज्यादा और कुछ नही,और सायद इससे ज्यादा कुछ और जिल्लत नही,मुठी भर जमीं नही और सास लेने के लिए हवा नही और सायद अभिब्यक्ति की स्वतंत्रता पर हिटलर के सिपाहियो का पहरा ,और सायद एक देस की सीमा के अन्दर कई सीमओं को गढ़ने का प्रयास ,और सायद सदियों से इतिहास की त्रसडियो को अपने अंचल में समेटने की पीडा क्या अपराध है हमारा सायद हमारी गरीबी और हमारी भूंख और सायद हमारे अंचल के भ्रस्त नेताओ की लम्बी जमात ।
राज ठाकरे ने कुछ नया नही किया है । ये तो होना ही था जब -जब आधुनिक भारत की बात चलती है हम सदियों पीछे रह है हमें सब के हिस्सों का दुःख दिया गया और हमारे हिस्से की साडी खुशियो को थोक के भावः में उन लोगो में बात दिया गया .हमने पाया क्या भूंक , बेकारी , सुखा और बाद।
राज ठाकरे जी वो हामी है जिन्होंने अपने आसियाने को उजाड़ कर बम्बई बनाई और आज आप हमें हमारी भूमिका के बारे में बता रहे है। आपने सायद इतिहास कइ सही पढ़ाई नही की है दासको हमने उन मराठियो को पनाह दी है जो मराठो के मन सम्मान की लडाई को लड़ते हुए बिस्थापित हुए । आप कभी हमारे यहाँ आकार के उन पंतो ,जोसियो और काले जैसे तमाम मराठी बासिंदों से जान सकते है ।
राज ठाकरे जी मराठा मानुस का राग आप के परिवार का खानदानी धंदा रहा है। जिसके आग पर आप के परिवार ने सालो रोटिया पकाई हैऔर अब आप भी उसी को दोहरा रहे है.इसके बाद हिंदुत्वा की ठेकेदारी आपका इन्तेजार कर रही है। आप को और आपके परिवार को जबाब देना पड़ेगा की आप लोगो के देश भिरोधी ताकतों से क्या सम्भंद है आपको जवाब देना होगा की आप के d kampani के साथ कितनी नज्दिकिया है वो अख्तर हसन रिजवी जो की उत्तर भारत का है उसके साथ आपके परिवार की क्या रिश्तेदारी है। आप जिन मुंबई करो और मुंबई की बात करते है उन्हें बतलाना होगा की मुंबई में १९९२ में हुवे धमाको में आप के परिवार की भूमिका नही थी ? क्या आपके हाथ उन निर्दोस मुम्बैकारो के खून से lal नही है? और ये सवाल उस भीड़ को भी पुचना चाहिए जो राज ठाकरे के इशारे पर उत्तर भारतियो पर ज्यादतिया कर रही है।
हमारे पुरखो ने यह कल्पना नही की होगी की हमारे ही देस में राज ठाकरे जैसा तुच्छा नेता हमारी पहचान को ललकारेगा.अल्फ्रेड पार्क में अपने ऊपर गोली चलते हुए आजाद ने नही सोचा होगा .आब राज जी बुरा मनो या भला हम तो बम्बई में ही रहेंगे ,आप थोड़ा होसियार रहे हम उत्तरी एक हद तक ही सम्मान देते है और जब अपने पर आ जायेंगे तो आप जैसो को मिनटों में सबक मिल जाएगा.
कातिल थे कतल कर के ज़माने में रह गए
जो सरीफ थे वो आस्क बहने में रह गए
पथराव का जवाब हम भी दे सकते है मगर
हम दिल के आइने को बचने में रह गए

Thursday, August 14, 2008

पंद्रह अगस्त

देखो फिर से आया है पन्द्रह अगस्त
मंत्रीयो के भासन में छाया है पन्द्रह अगस्त ,
सूरत का धमाका और बंगलुरु सन्न है
"कितने पाकिस्तान" लाया है पन्द्रह अगस्त ,
बापू कही से देख रहे और भगत आजाद
आज ख़ुद पर सरमाया है पन्द्रह अगस्त ,
ये कैसा जेसना है और कैसी है खुसी
बारूद पर मनाया है पन्द्रह अगस्त ,
बेबस है आदमी और बेबस है हिंदुस्तान
दुःख पर परदा कराने आया है पन्द्रह अगस्त ,
तवी के पानी मेफिर पसरा लावा है
चिनार में आग लगाया है पन्द्रह अगस्त ,
बस एक ही सकूँ दिया इस अगस्त ने
बिंद्रा का गोल्ड लाया है पन्द्रह अगस्त ::

Monday, August 11, 2008

क्रांति 2008

बॉलीवुड तो जैसे सेक्स क्रांति की अंधी दौड़ में सब खुच भूल चुका हुआ है। क्या नेता ,क्या जनता सब के सब इस हमाम में नंगे हो गए है .अब भाई अपनी मल्लिका को ही ले ले ... उनकी पहचान क्या है? एक्स्पोसेर गर्ल सायद ये सब्द गधे है हमारे भारत माफ़ करे इंडिया के नवनियुक्त आभिजात्य और नारीवादी बिचाराको ने .बड़ी दुभिदा की इस्तिथि तब हो जाती है जब आप इसका समर्थन करते है तो कोइआप को पशिमी संस्कृति का पक्ष्दर कहता है और जब आप बिरोध करते है तो तो आपको रुढिवादी घोषित कर दिया जाता .मन लिया जाता है की आप पुराने खयालो के गए गुजरे भारतीय है। करीना को देखा फ़िल्म तसं के नसीला नसीला वेदों में देखा । सायद वह होड़ है देहा दिखने की । समीक्षकों की राइ है की जो बिकता है वही दिखता है उससे मैं गुरेज नही रखता .यो हमारी आत्मा कहती है कुछ तो सोचो ,हमें कोई बताएं वह पर सेंसर किसलिए है। खैर जाने दे .यदि आप इस भेदा चल में सामिल नही तो आप समझे की आप इस ज़माने में बहुत पीछे हो गएँ है। हमने आज पश्चिम का अन्धानुकरण कर लिया है हमारे अन्दर हद से ज्यादा महानगरीय संस्कृति हावी होती जा रही है वह आज महानगरो को छोड़ सहरो और कस्बो से होते हुये गावों तक पहुँच रहा है, बम्बई (राज ठाकरे जी ध्यान दे ) कल्कुत्ता को छोंड यह छोटे सहरो में अपना बसेरा बना रहा है । आब कसबो में भी ओल्ड एग होम का चलन बढ़ा है ,बेबी सन्तरो का चलन भी सुरु हुआ हैं । आज के दौर में हर कोई सहरी बाबु बनाना चाहता है .क्योंकि बोललीवुड ने उन्हें सपना दिखाया है सपना दिखाया है कमचोर प्रेमी का सपना दिखाया है टपोरी नायक का सपना दिखाया है अंडरवर्ल्ड दान का और आप देख सकते है हमारी नै पीढी तेरे नाम बन कर घूम रही है। आज के दौर में आप के पास सिक्स पैएक की बॉडी का होना जरुरी है , भाई सिक्स पैएक की बॉडी हुई तो आपको नंगा तो गुमाना पड़ेगा ही .रही बात सेलिब्रेटी बनने की तो उसको आप टीबी चनलो को छोड़ दे कोई न कोई चनेले आप को रातो रत सेलिब्रेटी बना देगी ॥ फिर मिलेंगे तब तक आप " दिल देवाना बोक्किंग अडवांस मांगे रे ........." सुनते रहे

Sunday, July 27, 2008

क्या हो रहा है भाई

एन डील कर लिया , बधाई
अब खुसी मनाइए बंगलौर और सूरत ... के साथ .अपने अमेरिका से पुचना क्या कहना चाहेगा वह । मनमोहन जी देश को जबाब देना होगा आपको और बुश को .यही बात जो न डील से पहले होनी चाहिए थी लेकिन आप ने उस मुद्दे पर बात नही की । आब भी आपको आतंकियो को रोकने के लिए अमेरिका से सलाह लेना होगा...और अमेरिका आप को एक प्रमाणपत्र देगा की भाई पाकिस्तान आतंक के खिलाफ लडाई में आप के साथ है ...और आप न्यूज़ चनलो के सामने ... हम उनके इरादों को कामयाब नही होने देंगे ..और इसका करार जबाब देंगे॥ सरम करिए एक अरब आबादी वाले देश के मंत्रियो और सांसदों ...आप सबको ठोस जवाब देना होगा.... नही तो देश की जनता इन सवालो का जवाब संसदीय चुनाव में देगी .........

Wednesday, July 23, 2008

Many इंडिया इन one India

many इंडियाइन one इंडिया ,an इंडिया ऑफ़ गाँधी, subhash, neharu,ajad&भगत......but now we look another इंडिया,means,इंडिया ऑफ़ lalu, maya, karunanidhi, adavani, उमा, balasahab. मोदी.......mr। राज thakare what you think about इंडिया ...i hope you think about इंडिया....maratha।my deer friends tell me what you think about इंडिया....tell to mr। राज that what इस इंडिया...................................................

क्या आप पांचवी पास है ?

१;- मुन्नू - पापा ये संसद क्या है?
पापा - मुन्नू ये गूंगों और बहारो की अंधी फौज है
२:- मुन्नू - पापा ये माफिया संसद क्यों आते है ?
पापा - मुन्नू ये संसद चिल्लाने और तोड़ फोड़ करनर के लिए आते है
३ :- मुन्नू - पापा ये अमर सिंघ कौन है ?
पापा - बेटा सत्ता के नए कुलीन दलाल है ,दलाल लोग इन्हे संकट मोचन भी कहते है
४:- मुन्नू - पापा ये कांग्रेस क्या है ?
पापा - चुनाव लड़वाने वाली एक प्राचीन संस्था है। गाँधी परिवार की कारपोरेट कंपनी जिसका देश की राजनितिक बाज़ार में एक तिहाई हिस्सेदारी है
५:-मुन्नू -ये कामरेड क्या होते है?
पापा- ये राजनीती के खतरनाक सांप है इन्हे कभी साथ नही रखना चाहिए

Thursday, July 17, 2008

सम्बेदना का सच

सम्बेदना का सच ,
जानने के प्रयास में आने लगाती है -
अकुलाई...
सोचकर मन कप जाता है जानकर
सच माम्बेदना का
प्रयाश जारी है
संसद में,
बिधानसभाओ में ,
प्रेस-ब्रिफ्फिंग में ,
और वहा पेज थ्री पार्टियो में ,
दलो के नारे और झंडिया भी
कर रही है पड़ताल सम्बेदना की
.....आखिर यह सम्बेदना है क्या ?
जिसके पीछे पुरी दुनिया के आधे लोग
उष सच को उजागिर कराने में लगे है.........

Wednesday, June 25, 2008

गंगा तेरा पानी अमृत......

गंगा तेरा पानी अमृत कल कल बहता जाए..........
आप बताये बिकाश सभ्यता के और संस्कृत के बिनाश से मिलेगी । हम गंगा को बाद कर कितनी बिजली पैदा करेंगे , हम पछिम का अन्धानुकरण कब बंद करेंगे,उनकी और हमारी प्रकृति में अन्तर है । वह सल् भर में अस्सी दिन सुराजे निकालता है भारत में यह पुरे आठ महीने रहता है .तो हम सौर उर्जा को एक थोश बिकल्प के रूप में प्रयोग कर सकते है .... गंगा को बाद कर हम अपनी सदियों की सभ्यता को नस्त कर देंगे .रूस में अरल सागर और चाइना में पीले सागर के हसरा को पुरी दुनिया ने देखा है। टिहरी में भारत अग्रवाल के अनसन का हम समर्थन करते है ................................................. आप का क्या बिचार hai