Wednesday, June 25, 2008

गंगा तेरा पानी अमृत......

गंगा तेरा पानी अमृत कल कल बहता जाए..........
आप बताये बिकाश सभ्यता के और संस्कृत के बिनाश से मिलेगी । हम गंगा को बाद कर कितनी बिजली पैदा करेंगे , हम पछिम का अन्धानुकरण कब बंद करेंगे,उनकी और हमारी प्रकृति में अन्तर है । वह सल् भर में अस्सी दिन सुराजे निकालता है भारत में यह पुरे आठ महीने रहता है .तो हम सौर उर्जा को एक थोश बिकल्प के रूप में प्रयोग कर सकते है .... गंगा को बाद कर हम अपनी सदियों की सभ्यता को नस्त कर देंगे .रूस में अरल सागर और चाइना में पीले सागर के हसरा को पुरी दुनिया ने देखा है। टिहरी में भारत अग्रवाल के अनसन का हम समर्थन करते है ................................................. आप का क्या बिचार hai

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